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प्रीति सागर: एक प्रतिभाशाली गायिका
News Date:- 2024-06-11
प्रीति सागर: एक प्रतिभाशाली गायिका
vaishali jauhari

लखनऊ,11 Jun 2024

प्रीति सागर: बहुमुखी कलाकार

प्रीति सागर एक ऐसी गायिका जिनका नाम सुनते ही 70 के दशक के यादगार गाने जैसे "माय हार्ट इज़ बीटिंग" और "मेरो गाम कथा परे" कानों में गूंजने लगते हैं। इन गानों ने न केवल उन्हें प्रसिद्धि दिलाई  बल्कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलाया।

प्रारंभिक जीवन और संगीत की शुरुआत:

प्रीति सागर का जन्म भारत में हुआ था। उनके पिता प्रसिद्ध अभिनेता मोती सागर ने उन्हें कला से परिचित कराया और संगीत के प्रति उनका रुझान पैदा किया। प्रीति सागर ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1972 में आयी फिल्म ‘नगीना’ से की। संगीत शंकर जयकिशन का था। उनकी खनकती आवाज़ जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत की बारीकियाँ थीं, उस दौर में बॉलीवुड संगीत के बदलते परिदृश्य का पर्याय बन गयीं।

सफलता और लोकप्रियता:

1975 में फिल्म 'जूली' का गाना 'माय हार्ट इज़ बीटिंग' प्रीति सागर के करियर का गोल्डन गीत बन गया। इस गीत से ही उनके करियर में टर्निंग पॉइंट आया और ये गीत आज भी लोगों का पसंदीदा बना हुआ है। इस गीत ने उन्हें अंग्रेजी में गायन करने की क्षमता और उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका दिया। साल 1978 में फिल्म 'मंथन' के गीत 'मेरो गाम कथा परे' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।

प्रीति सागर ने 1970 और 80 के दशक में कई लोकप्रिय फिल्मों के लिए गीत गाये। जिनमें निशांत, लैला मजनू, आनंद आश्रम, भूमिका, तेरे प्यार में, दूरियां, गीत गंगा, कथा, मंडी, झूठा सच, दामाद चाहिए, लॉकेट और कलयुग जैसी फिल्में शामिल हैं।

प्रीति सागर ने बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में बच्चों के लिए कई नर्सरी राइम एल्बम रिकॉर्ड किए। 'फेयरी टेल्स' सीरीज़ जैसी उनकी पहल ने संगीत और कहानी कहने के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में मदद की।

प्रीति सागर ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी ‘एंजेला फिल्म्स’ की भी स्थापना की। जो विज्ञापन लघु फिल्मों और फीचर-फिल्म डबिंग में शामिल रही है। 1990 में कंपनी ने बच्चों के हिट टीवी शो ‘फुलवारी बच्चों की’ का निर्माण किया। जिसने भारत में बच्चों के मनोरंजन में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने बच्चों के लिए टीवी सीरीज़ ‘रॉकिंग किड्स’ में भी अभिनय किया।

सिने जगत में प्रीति सागर का गायकी का सफ़र बहुत लम्बा तो नहीं रहा लेकिन उन्होंने भारतीय संगीत और मनोरंजन उद्योग में अपनी अमिट छाप छोड़ी। बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रीति सागर की मधुर आवाज़ और उनके गाये गीत आज भी सुने जाते हैं और खूब पसंद भी किये जाते हैं। संगीत के प्रति उनका समर्पण और योगदान भारत के संगीत क्षेत्र के ताने-बाने को एक मजबूती प्रदान करता है। 

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