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महाकुंभ 2025: विशाल धार्मिक समागम के लिए 992 विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना
News Date:- 2024-09-30
महाकुंभ 2025: विशाल धार्मिक समागम के लिए 992 विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना
vaishali jauhari

लखनऊ,30 Sep 2024

महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए 992 विशेष ट्रेनों का संचालन, भव्य आयोजन की तैयारी में तेजी

महाकुंभ 2025 के दौरान भारतीय रेलवे द्वारा श्रद्धालुओं के लिए विशेष रेल सेवाओं की व्यापक योजना तैयार की गई है. कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज के लिए विभिन्न शहरों से 6,580 नियमित ट्रेनों के अलावा 992 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी जो 2019 में चलाई गई 695 ट्रेनों से कहीं अधिक हैं.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू तथा वी. सोमन्ना ने शुरू होने वाले कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में बताया गया कि 12 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेनें और यात्री सुविधायें शुरू की जाएंगी. जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा सुविधाजनक हो सके.

विशाल धार्मिक समागम में 30 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. जिसे देखते हुए वाराणसी, दीन दयाल उपाध्याय और लखनऊ जैसे प्रमुख रेलवे मंडलों के मंडल प्रबंधक भी तैयारियों में शामिल हैं और विकास कार्यों की नियमित जानकारी प्रदान कर रहे हैं. स्पेशल ट्रेनों के लिए 174 रैक प्लान किए गए हैं. सर्कुलर ट्रेन मार्ग प्रयागराज- अयोध्या- वाराणसी- प्रयागराज और प्रयागराज - वाराणसी- अयोध्या - प्रयागराज है.

कुंभ मेले की तैयारियों के लिए रेलवे मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए 933 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. इसके साथ ही  प्रयागराज मंडल और आसपास के क्षेत्रों में ट्रेनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 3,700 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे पटरियों के दोहरीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर भी विशेष ध्यान दिया. नई और आधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई तथा सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है. ट्रेनों में अधिक सीटों की व्यवस्था की जा रही है ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.

कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और पवित्र सरस्वती नदी के संगम पर स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए भारतीय रेलवे हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्राप्त हो सके.

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