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जीवन शक्ति का स्रोत: नारी का साग
News Date:- 2024-08-12
जीवन शक्ति का स्रोत:  नारी का साग
vaishali jauhari

लखनऊ,12 Aug 2024

कुदरत का अमृत: नारी का साग

पालक, मेथी, सरसों, बथुआ, जैसे साग तो आपने खूब खाए होंगे. आज के आलेख में हम बात करेंगे नारी के साग के बारे में, जिसे करमुआ नाम से भी जाना जाता है. एक हरी पत्तेदार सब्जी जो भारत के विभिन्न हिस्सों विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुतायत से पायी जाती है. नारी का साग स्थानीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

नारी के साग की विशेषताएं

नारी के साग के पत्ते छोटे और हरे होते हैं. इसका स्वाद हल्का खट्टा और कड़वापन लिए होता है. साग की प्रकृति ठंडी तासीर लिए होती है लेकिन हाजमे की दृष्टि से ये साग भारी होता है. नारी का साग वात, पित्त और कफ को कम करने में मदद करता है.

बारहमासी नारी के साग की पत्तियों में फास्फोरस ,विटामिन सी, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसे साग की तरह पकाकर, बेसन के साथ पकौड़ियां बनाकर या सलाद के रूप में खाया जाता है. वहीं कुछ लोग इसका सूप बनाकर पीना भी पसंद करते हैं.

नारी का साग अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों के कारण बेहद लोकप्रिय है. इसका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है. आइये जानते हैं नारी के साग से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में.

डायबिटीज़ को करे नियंत्रित

नारी का साग, डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें से निकलने वाला अर्क शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है. यह ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन A और C शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है.

कैंसर और पेट सम्बन्धी समस्याओं के लिए रामबाण

नारी के साग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में बहुत हद तक मददगार है. साथ ही इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होने के कारण पाचन शक्ति बढ़ती है. यह कब्ज, अपच और बदहजमी जैसी अन्य समस्याओं में लाभ पहुंचाता है. कब्ज जैसी समस्या में इसकी पत्तियों का काढ़ा रामबाण इलाज है.

पथरी निकालने में सहायक

मूत्राशय में पथरी होने पर नारी के साग का काढ़ा पीने से पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है. इसके अलावा सांस लेने में समस्या होने पर नारी साग के पंचांग चूर्ण का सेवन करने से सांस की तकलीफ में लाभ मिलता है.

कोलेस्ट्रॉल को रखे नियंत्रित

नारी का साग खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. इसमें मौजूद मैग्नीशियम ब्लड वेसेल्स को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन को सही बनाए रखता है.

आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक

नारी के साग में विटामिन A और कैरोटीनॉयड की मौजूदगी आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करती है. यह रतौंधी जैसी समस्याओं से भी बचाव करता है. इसमें कैल्शियम और विटामिन K पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे खतरे को कम करता है.

खून की कमी करे दूर

नारी के साग में आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर में खून की कमी को दूर करने में सहायता करती है. लंबे समय से बीमारी के कारण आई कमजोरी को दूर करने के लिए इस साग का सेवन अत्यंत लाभदायक माना गया है. यह सामान्य दुर्बलता और तंत्रिका कमजोरी में लाभ पहुंचाता है.

नारी का साग एक पौष्टिक सब्जी है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. इसे अपने आहार में शामिल करके आप अनेक बीमारियों से बचाव कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.

ध्यान रहे जिन लोगों को किडनी सम्बन्धी किसी प्रकार की समस्या है तो उन्हें नारी के साग का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

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