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कौन हैं किशोरीलाल शर्मा?
News Date:- 2024-05-03
कौन हैं किशोरीलाल शर्मा?
Peeyush tripathi

रायबरेली,03 May 2024

आखिरकार अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस ने प्रत्याशी का ऐलान कर ही दिया ....राहुल गांधी इस बार अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ेगें तो वहीं अमेठी सीट पर कांग्रेस ने किशोरीलाल शर्मा को टिकट दिया है।

अमेठी से कांग्रेस ने केएल शर्मा को टिकट दिया है यह उनका पहला चुनाव होगा। सवाल यह उठता है कि यह किशोरीलाल शर्मा हैं कौन और क्यों दिया गया इन्हें कांग्रेस का टिकट? पंजाब के लुधियाना के रहने वाले किशोरीलाल शर्मा को 1983 में राजीव गांधी अपने साथ अमेठी लेकर आए थे। तब केएल शर्मा राजीव गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी का कामकाज देखते थे । जब 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु हो गई तो किशोरी लाल शर्मा रायबरेली की सांसद रही शीला कौल का काम काज देखने लगे। साथ ही अमेठी से सांसद बने कैप्टन सतीश शर्मा की भी मदद करते रहे।

20 मई 1991 को अमेठी में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ । अगले ही दिन 21 मई 1991 को श्री पेरम्बुदूर में राजीव गांधी की हत्या हो गई । जब मतगणना हुई तो राजीव गांधी एक लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीत चुके थे । राजीव के न रहने पर अमेठी में उपचुनाव हुआ जिसमें राजीव गांधी के करीबी दोस्त कैप्टन सतीश शर्मा चुनाव लड़े और जीते भी ।

भले ही इस समय रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार से कोई सांसद नहीं था लेकिन तब भी किशोरीलाल शर्मा का अमेठी-रायबरेली आना जाना लगातार बना रहा ।

1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा तो केएल शर्मा अमेठी सीट की जिम्मेदारी देखने लगे । इसके बाद सोनिया ने अमेठी की सीट राहुल के लिए छोड़ दी और खुद रायबरेली से चुनाव लड़ने लगीं तो किशोरीलाल शर्मा अमेठी -रायबरेली दोनों ही सीटों का काम देखते रहे । समय के साथ तमाम लोगों ने कांग्रेस छोड़ दी लेकिन किशोरीलाल शर्मा की निष्ठा में कोई कमी नहीं आई।

केएल शर्मा आईसीसी के सदस्य होने के अलावा बिहार के प्रभारी और पंजाब कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे । गांधी परिवार से केएल शर्मा का करीबी नाता रहा है ।

 

कहा जा रहा है कि चालीस साल से ज्यादा समय तक अमेठी और रायबरेली में गांधी परिवार के चुनाव की जिम्मेदारी संभालने और सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम करने के कारण किशोरीलाल शर्मा को निष्ठा और वफादारी का ईनाम अमेठी से कांग्रेस के टिकट के रूप में मिल गया है । देखने वाली बात होगी कि किशोरीलाल शर्मा अमेठी की सीट को वापस कांग्रेस की झोली में ला पाते हैं या नहीं क्योंकि अमेठी में किशोरीलाल शर्मा का मुकाबला भाजपा की स्मृति जुबिन ईरानी से है।

राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी के हाथों पराजित हो चुके हैं शायद इसीलिए राहुल गांधी ने अमेठी की अपेक्षा कांग्रेस के लिए ज्यादा सुरक्षित सीट रायबरेली की राह पकड़ी है । जिससे गांधी परिवार की इज्जत बची रह सके ।

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