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समाज कल्याण विभाग का नया कदम: स्कूलों में श्रमदान से होगी सब्जी उत्पादन की शुरुआत
News Date:- 2024-10-15
समाज कल्याण विभाग का नया कदम: स्कूलों में श्रमदान से होगी सब्जी उत्पादन की शुरुआत
vaishali jauhari

लखनऊ,15 Oct 2024

बच्चों की मेहनत से लहलहाएंगी पोषण वाटिकाएं: स्कूलों में ताजगी और पोषण का अनोखा प्रयास

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित सर्वोदय विद्यालयों में अब बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई बल्कि खेती का भी अनुभव मिलेगा. समाज कल्याण विभाग प्रदेश के 110 सर्वोदय स्कूलों में पोषण वाटिकाएं तैयार कर रहा है जिसमें छात्र खुद मेहनत करके सब्जियां उगाएंगे. यह सब्जियां स्कूलों की मेस में तैयार होने वाले भोजन में इस्तेमाल की जाएंगी जिससे बच्चों को पोषणयुक्त और ताजा भोजन उपलब्ध होगा.

समाज कल्याण विभाग राज्य में गरीब बच्चों को आश्रम पद्धति से शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इन सर्वोदय विद्यालयों का संचालन करता है. इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के करीब 33,000 बच्चे पढ़ते हैं, जिनकी शिक्षा की जिम्मेदारी लगभग 2,000 शिक्षक निभाते हैं. विभाग के अनुसार कई बार मेस के खाने में स्वाद की कमी की शिकायतें आती रही हैं जिसके चलते अब यह कदम उठाया गया है.

उन्नाव के सर्वोदय विद्यालय में पहले से ही पोषण वाटिका स्थापित की जा चुकी है जिसकी सफलता को देखते हुए इसे अन्य सभी स्कूलों में भी लागू किया जा रहा है. छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पोषण वाटिका में श्रमदान की परंपरा को बढ़ावा दिया जाएगा. यहां छात्र अपने पसंद की मौसमी सब्जियां उगाएंगे. इस प्रक्रिया से न सिर्फ उन्हें श्रम का महत्व समझ में आएगा बल्कि खेती के गुण भी सीखने को मिलेंगे.

समाज कल्याण निदेशालय ने सभी ज़िला समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सर्वोदय विद्यालयों में पोषण वाटिकाएं तैयार करें. इस पहल का उद्देश्य खाली पड़ी भूमि का सदुपयोग करना है साथ ही बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें प्रकृति से जुड़ने का अवसर भी देना है.

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने कहा कि,"पोषण वाटिका से न केवल विद्यालयों का वातावरण हरा-भरा हो जाएगा, बल्कि बच्चों को ताजी और पोषक सब्जियां भी मिलेंगी. यह पहल उनके स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी."

यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर बनने, श्रम की महत्ता को समझने और स्वच्छ वातावरण में सीखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी.

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