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कुदरत का अमृत फल: आंवला
News Date:- 2024-08-23
कुदरत का अमृत फल: आंवला
vaishali jauhari

लखनऊ,23 Aug 2024

आंवला: एक फल, हजार गुण

आंवला, भारतीय चिकित्सा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आयुर्वेद में इसे अमृतफल या धात्रीफल के नाम से जाना जाता है. वहीं  चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के रूप में इसे उल्लिखित किया गया है. सुश्रुत संहिता में भी आंवला के औषधीय गुणों का विस्तृत वर्णन मिलता है. जहाँ इसे अधोभागहर संशमन औषधि कहा गया है. जिसका अर्थ है आंवला शरीर के दोषों को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है.

शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट

आंवले में कई सारे न्यूट्रिशन पाए जाते हैं जैसे विटामिन सी, फ्लेवोनॉयड्स, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम आदि. एंटीऑक्सीडेंट फल आंवला शरीर को फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले डैमेजिंग से बचाता है. कच्चा खाने के अलावा आँवला का अचार, चटनी, कैंडी, जूस और मुरब्बे के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है.

आंवला के कमाल के फायदे

वैदिक काल से ही इसका उपयोग  बहुमूल्य औषधि के रूप में किया जाता रहा है. आंवला को विटामिन सी का पावर हाउस कहा जाता है. एक खट्टा फल होने के साथ ही यह पोषक तत्वों से भी भरपूर है. कहते हैं रोजाना एक आंवले का सेवन करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है.स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इसे अत्यंत लाभकारी माना गया है. आज के आर्टिकल में आंवला के उपयोग और कमाल के फायदे के बारे में जानेंगे.

बालों के लिए वरदान

आमतौर पर सफेद बालों को काला और घना बनाने के लिए आंवले का सेवन लाभकारी माना गया है. यदि कम उम्र में बाल सफेद हो रहे हैं तो रात भर लोहे की कढ़ाई में आंवले को भिगोकर इसका मिश्रण बालों में रोज लगाएं. कुछ ही दिनों में बाल काले होने लगेंगे. आंवला के साथ रीठा और शिकाकाई का काढ़ा बनाकर बालों में लगायें. बाल मुलायम, घने और काले हो जायेंगे.

आंखों की रोशनी बढ़ाए

आंवला का एक से दो बूँद रस आंखों में डालने से आंखों के दर्द में राहत मिलती है. आंवले को पीसकर पेस्ट बना लें  और उसकी पोटली बनाकर आंखों पर रखें. पित्त दोष के कारण होने वाली आंखों की खुजली और जलन जैसी समस्या में लाभ मिलता है.

कब्ज करे दूर

 

त्रिफला चूर्ण में आंवला का उपयोग कब्ज में राहत प्रदान करता है. तीन से चार ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ करने से कब्ज में लाभ प्राप्त होता है. आंवले में फाइबर की भी अच्छी मात्रा मौजूद होती है. जिससे पाचन दुरुस्त रहता है और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है. खाली पेट इसका सेवन करने से आपको नेचुरल लैक्सेटिव गुण प्राप्त होते हैं जिससे शरीर में जमा टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. आंवले के पत्तों को पीसकर छाछ के साथ सेवन करने से दस्त में राहत मिलती है.

पीलिया में लाभकारी

आंवले की चटनी में शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया और लिवर विकार में लाभ मिलता है. साथ ही लौह भस्म के साथ आंवले के चूर्ण का सेवन पीलिया और एनीमिया में फायदेमंद माना गया है.

डायबिटीज़ पर नियंत्रण

आंवले में क्रोमियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो डायबिटीज़ के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आंवला में पॉलीफेनोल्स मौजूद होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं और डायबिटीज को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

गले की खराश में राहत

आमतौर पर ऋतु परिवर्तन होने पर गले में खराश की समस्या होने लगती है. एक से दो ग्राम आंवले के चूर्ण में दो चम्मच शहद और एक चम्मच घी मिलाकर खाने से गले की खराश से राहत मिलती है.

त्वचा को बनाए जवां

आंवला प्राकृतिक रूप से ख़ून को साफ़ करता है. इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में लाभदायक है. यदि चेहरे पर मुंहासे हैं तो आंवला का सेवन करें. यह कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है जो चेहरे की चमक को बढ़ाता है. आंवला का जूस शरीर के टॉक्सिंस पदार्थ को दूर करता है और खून को साफ रखता है.

नकसीर की समस्या को दूर करने में सहायक

नकसीर की समस्या से मुक्ति दिलाने में आंवला बहुत उपयोगी माना गया है. आंवले को पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से नाक से खून बहने की समस्या में लाभ प्राप्त होता है.

आंवला का नियमित सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं में राहत दिलाता है. इसे अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनायें और स्वास्थ्य लाभ पायें.

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